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लेखक:

सुमन केशरी

कवि-कथानटी सुमन केशरी (15 जुलाई, मुजफ़्फ़रपुर, बिहार) इन दिनों जीवन से साहित्य रच रही हैं और साहित्य को जीवन में जी रही हैं। कविता, शोधपरक लेख, कहानियाँ, विमर्श और यात्रा-वृत्तान्त लिखते-लिखते उन्होंने हाल ही में नाटक लिखने की शुरुआत की है।

प्रशासन से लेकर अध्यापन और फिर सामाजिक सक्रियता सभी में उनकी रुचि है। वे मानती हैं कि उनका लेखक उनकी ज़िम्मेदार नागरिक होने की भूमिका से ही रस-प्राण पाता है।

उनके चार कविता संग्रह प्रकाशित हैं-याज्ञवल्क्य से बहस (2008), मोनालिसा की आँखें (2013), पियामिडों की तहों में (2018) और एक ई-बुक – शब्द और सपने (2015)।

उन्होंने दो पुस्तकों का सम्पादन किया है – जे एन यू में नामवर सिंह (2009), आर्मेनियाई जनसंहार : ऑटोमन साम्राज्य का कलंक (2021) (सुश्री माने मकर्तच्यान के साथ)।

सुमन केशरी ने प्रेप से लेकर आठवीं कक्षा तक के लिए ‘सरगम’ व ‘स्वरा” नाम से हिन्दी पाठ्य पुस्तकें भी तैयार की हैं।

नाटक-गान्धारी (2022)।

सुमन केशरी पिछले लगभग चालीस वर्षों से भारतीय मिथकों को आधार बनाकर कविताएँ आदि रच रही हैं। यह संकलन महाभारत की स्त्रियों से उनका अपनी तरह का संवेदनशील हार्दिक संवाद है !

आर्मेनियाई जनसंहार : ऑटोमन साम्राज्य का कलंक

सुमन केशरी

मूल्य: Rs. 895

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कविता के देश में

सुमन केशरी

मूल्य: Rs. 250

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जे.एन.यू. में नामवर सिंह

सुमन केशरी

मूल्य: Rs. 695

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निमित्त नहीं

सुमन केशरी

मूल्य: Rs. 299

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पिरामिडों की तहों में

सुमन केशरी

मूल्य: Rs. 395

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मोनालिसा की आँखें

सुमन केशरी

मूल्य: Rs. 250

सुमन केशरी का यह नया संग्रह काव्य-कौशल की परिपक्वता और अनुभव के विस्तार के लिए उल्लेखनीय है।   आगे...

याज्ञवल्क्य से बहस

सुमन केशरी

मूल्य: Rs. 200

सुमन केशरी की कविताएँ मौजूदा काव्य-परिदृश्य में अपनी विशिष्ट पहचान बनाती हैं। इनमें समकालीन दौर की बेचैनियाँ भी हैं और परम्परा का परीक्षण और पुनर्परीक्षण भी।   आगे...

 

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